वैसे तो बडी बडी कंपनिया IPO में इन्वेस्ट करके अपना मुनाफा कमाते है परंतु शेयर बाजार इतना बड़ा विषय है की कई लोगो को इनकी जानकारी नहीं होती है इसलिए कोई लोग इन्वेस्ट नही कर पाते है।
तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से में आपको बताऊंगा की IPO Kya Hai in Hindi और किसी भी कंपनी का IPO कैसे खरीदें। यदि आपको इन सभी की जानकारी चाहिए तो बिना किसी देरी के आज की इस पोस्ट को लिखना शुरू करते है।
(toc)
IPO का सामान्य मतलब इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) है। जब कंपनियां अपने स्टोक शेयर या अंश पहली बार पब्लिक (लोगो) के लिए जारी या इश्यू करती है। तो इसी को सभी लोग सामान्य भाषा में IPO कहते हैं।
कंपनियों के द्वारा आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है। जिससे कि वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध यानी के जिला हो सके। जब कंपनी आप शेयर बाजार में लिस्टेड हो जाती है। तो वह शहर को खरीद और भेज सकती है।
IPO सबसे ज्यादा वह कंपनिया जारी करती है जो की बाजार में नई नई हो। क्योंकि इन नई कंपनियों को अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है। लेकिन बड़ी कंपनियां भी अपने कारोबार को सार्वजनिक करने के लिए IPO को जारी कर सकती है।
अपने ऊपर यह जाना कि आईपीओ क्या है अब आपको यह जानना आवश्यक है। कि आईपीओ कैसे काम करता है। ऐसी प्रक्रिया को नीचे कुछ बिंदुओं में बताया गया है।
Company की Planing: कोई भी कंपनी जो अपना आईपीओ जारी करना चाहती है वह सबसे पहले अपने वित्तीय विवरण को ऑडिट (यानी के अपने वित्तीय विवरण का हिसाब किताब) करवाती है और अपनी कंपनी का एक सूची पत्र तैयार करवाती है जिसमें कंपनी की वित्तीय जानकारी बिजनेस प्लेन और अंश के मूल्य की जानकारी भी होती है।
SEBI की मंजूरी: ऐसी कंपनी जो अपना आईपीओ जारी करना चाहती है उसे सबसे पहले सेबी यानी के (Securities and Exchange Board of India) के द्वारा सहमति लेनी होती है। उसके बाद सबी क्रमवत करती है कि कौन से शहर को वह पब्लिक के लिए जारी करें।
Underwriter के साथ Agreement: कंपनी अपने लिए Underwriting Agreement बनती है। जिसमें की एक या एक से अधिक वित्तीय संस्थाएं (underwriters) के साथ समझौता करते हैं कि यदि कंपनी द्वारा जारी किया गया आईपीओ यदि पब्लिक के द्वारा नहीं खरीदा जाता है तो यह (underwriters) उन आईपीओ को खरीद लेते हैं।
Price का चयन: कंपनी और अंडरराइटर्स दोनों मिलकर आईपीओ शेयर्स के लिए मूल्य का निर्धारण करते हैं। यह मूल्य का निर्धारण बाजार की गतिविधियों, कंपनी की कार्यशीलता और मांग पर आधारित होता है।
IPO जारी: इन प्रक्रिया के बाद कंपनी अपने आईपीओ को पब्लिक में जारी कर सकती है। उसके बाद कोई भी निवेशकर्ता उन आईपीओ को खरीद सकता है।
शेयर बाजार में सूचीबद्ध: जब कंपनी के द्वारा आईपीओ जारी किया जाता है। तो उसके बाद वह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध यानी के लिस्टेड हो जाती है यहां दो प्रकार के स्टॉक एक्सचेंज है , BSE (Bombay Stock Exchange) व NSE (National Stock Exchange)
Trading: अब आईपीओ स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो जाता है। जिसे की इन्वेस्टर खरीद और बच सकते हैं
इस तरह कंपनी द्वारा जारी किया गया आईपीओ काम करता है।
IPO क्या है? IPO Kya Hai in Hindi
IPO का सामान्य मतलब इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) है। जब कंपनियां अपने स्टोक शेयर या अंश पहली बार पब्लिक (लोगो) के लिए जारी या इश्यू करती है। तो इसी को सभी लोग सामान्य भाषा में IPO कहते हैं।
कंपनियों के द्वारा आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है। जिससे कि वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध यानी के जिला हो सके। जब कंपनी आप शेयर बाजार में लिस्टेड हो जाती है। तो वह शहर को खरीद और भेज सकती है।
IPO सबसे ज्यादा वह कंपनिया जारी करती है जो की बाजार में नई नई हो। क्योंकि इन नई कंपनियों को अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है। लेकिन बड़ी कंपनियां भी अपने कारोबार को सार्वजनिक करने के लिए IPO को जारी कर सकती है।
IPO कैसे काम करता है? How does an IPO work?
अपने ऊपर यह जाना कि आईपीओ क्या है अब आपको यह जानना आवश्यक है। कि आईपीओ कैसे काम करता है। ऐसी प्रक्रिया को नीचे कुछ बिंदुओं में बताया गया है।
Company की Planing: कोई भी कंपनी जो अपना आईपीओ जारी करना चाहती है वह सबसे पहले अपने वित्तीय विवरण को ऑडिट (यानी के अपने वित्तीय विवरण का हिसाब किताब) करवाती है और अपनी कंपनी का एक सूची पत्र तैयार करवाती है जिसमें कंपनी की वित्तीय जानकारी बिजनेस प्लेन और अंश के मूल्य की जानकारी भी होती है।
SEBI की मंजूरी: ऐसी कंपनी जो अपना आईपीओ जारी करना चाहती है उसे सबसे पहले सेबी यानी के (Securities and Exchange Board of India) के द्वारा सहमति लेनी होती है। उसके बाद सबी क्रमवत करती है कि कौन से शहर को वह पब्लिक के लिए जारी करें।
Underwriter के साथ Agreement: कंपनी अपने लिए Underwriting Agreement बनती है। जिसमें की एक या एक से अधिक वित्तीय संस्थाएं (underwriters) के साथ समझौता करते हैं कि यदि कंपनी द्वारा जारी किया गया आईपीओ यदि पब्लिक के द्वारा नहीं खरीदा जाता है तो यह (underwriters) उन आईपीओ को खरीद लेते हैं।
Price का चयन: कंपनी और अंडरराइटर्स दोनों मिलकर आईपीओ शेयर्स के लिए मूल्य का निर्धारण करते हैं। यह मूल्य का निर्धारण बाजार की गतिविधियों, कंपनी की कार्यशीलता और मांग पर आधारित होता है।
IPO जारी: इन प्रक्रिया के बाद कंपनी अपने आईपीओ को पब्लिक में जारी कर सकती है। उसके बाद कोई भी निवेशकर्ता उन आईपीओ को खरीद सकता है।
शेयर बाजार में सूचीबद्ध: जब कंपनी के द्वारा आईपीओ जारी किया जाता है। तो उसके बाद वह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध यानी के लिस्टेड हो जाती है यहां दो प्रकार के स्टॉक एक्सचेंज है , BSE (Bombay Stock Exchange) व NSE (National Stock Exchange)
Trading: अब आईपीओ स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो जाता है। जिसे की इन्वेस्टर खरीद और बच सकते हैं
इस तरह कंपनी द्वारा जारी किया गया आईपीओ काम करता है।
किसी भी कंपनी का IPO कैसे खरीदें - आसानी से
यदि आपको यह नहीं पता है कि किस प्रकार किसी भी कंपनी का आईपीओ कैसे खरीदे तो नीचे दिए गए बिंदुओं का पालन करके आप एक अच्छा आईपीओ खरीद सकते हैं और अपना प्रॉफिट कमा सकते हैं।
अपना डीमैट खाता खोलें: आईपीओ खरीदने के लिए आपको सबसे पहले अपना एक डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इस खाते के जरिए आप अंशो को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्राप्त कर सकते है। इसी खाते के द्वारा ही आप IPO के अकाउंट के शेयर्स को डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते है।
स्टॉक ब्रोकर का चयन: IPO को खरीदने के लिए आपको स्टॉक ब्रॉकर की सहायत पड़ती हैं इसलिए आपके द्वारा चुना गया ब्रॉकर IPO के लिए आवेदन करने में आपकी मदद करता है।
IPO के लिए आवेदन करे: जब कोई कंपनी आईपीओ को जारी करती है तो आपको सर्वप्रथम अपने स्टॉक ब्रॉकर के माध्यम से IPO के लिए आवेदन करना होता है। स्टॉक ब्रॉकर की देख रेख में ही आपको आवेदन की प्रक्रिया करनी चाहिए।
Allotment प्राप्त करे: एक जब आपका आईपीओ आवेदन स्वीकृत हो जाता है। तो आईपीओ शेयर्स आपको अलॉट हो जाते हैं जो कि आपके डीमैट खाते में अलॉट हो जाते हैं जिसे कि आप देख भी सकते हैं।
ट्रेडिंग शुरू करें: जब आपको आईपीओ शेयर्स अलर्ट हो जाते हैं तो फिर आप उन शेयर्स को खरीद और भेज सकते हैं। यह सभी कार्य आप अपने स्टॉक ब्रोकर की देखरेख में कर सकते हैं।
तो इस प्रकार आप किसी भी कंपनी का आईपीओ आसानी से खरीद सकते हैं। परंतु ध्यान दें कि आईपीओ की आवेदन करने का समय सीमित होता है इसलिए आपको अपने स्टॉप ब्रोकर से ही जानकारी लेनी है और नियमों का पालन करना है।
निष्कर्ष
तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने जाना कि IPO क्या होता है? और आईपीओ कंपनी क्यों जारी करती है और किसी भी कंपनी का IPO हम आसानी से किस प्रकार खरीद सकते हैं। मैं आशा करता हूं कि आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगी होगी यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो techonlinetushar.in पर जाकर विजिट कर सकते हैं और आपका समय बहुत कीमती है इसके लिए धन्यवाद
एक टिप्पणी भेजें